मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

सर्वोत्तम धर्म

धन अपना पराया नही देखता।
जैसा अन्न, वैसा मन।
अहिंसा सर्वोत्तम धर्म है।
बहुमत की आवाज न्याय का द्योतक नही है।
अन्याय मे सहयोग देना, अन्याय के ही समान है।
विश्वास से आश्चर्य-जनक प्रोत्साहन मिलता है।

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