मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

अनमोल वचन

1. फलाशक्ति और कर्तापन का अभिमान एक बहुत बड़ी फिसलन है....
० नाम और यश की चाहना से दूर रहने वाले प्रतिष्ठा, पद, और ख्याति से बचने वाले सच्चे लोकसेवक सचमुच में ही इस धरती के देवदूत कहलाते है .

० फलाशक्ति और कर्तापन का अभिमान एक बहुत बड़ी फिसलन है जिससे गिरने के बाद अधिकांश लोग उठ नहीं पाते है और नीचे गिरते जाते है ।
2.
० सपनों के पंख लगाकर सुनहरे आकाश में दौड़ तो कितनी लंबी लगाईं जा सकती है पर पहुंचा कही नहीं जा सकता है .

० मनुष्य जितना निर्भय होता है उतना ही वह महान कार्यो का सूत्रपात करता है .

० दुर्भावना के वातावरण में पंचशील के सिद्धांत अन्तराष्ट्रीय जगत में भले ही सफल न हुए हो पर पारिवारिक जगत में सदा सफल होते है . यथा -

१. परस्पर आदर भावः से देखना
२. अपनी भूल स्वीकार करना
३. आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना
४. भेदभाव न रखना
५. विवादो का निष्पक्ष निपटारा


आस्था सचमुच वह सबसे महान चमत्कारी शक्ति है जिसकी कल्पना की जा सकती है। आस्था कभी किसी व्यक्ति का साथ नहीं छोड़ती। हम तब असफल होते हैं जब हम अपनी आस्था का दामन छोड़ देते हैं।

मनुष्य को अच्छाइयाँ और बुराइयों का पुतला कहा गया है।ऐसा मनुष्य किस काम का जो औरों में केवल बुराई ही बुराई पाए। ऐसे बुरे आदमी के लिए कहा है-'बुरा जो देखन मैं चला, मुझ-सा बुरा न कोय।

अन्यों में सदैव बुराई देखने वाले स्वयं बहुत बुरे होते हैं। मनुष्य के दो कान और दो आँखों के समान समाज में दूसरों की अच्छाइयाँ देखने वाले भी होते हैं। दानी, ज्ञानी, धार्मिक, परोपकारी तथा सेवा करने वालों की बड़े-बड़े समारोहों में प्रशंसा के गीत गाए जाते हैं। इससे इन सद्गुणों का व्यापक प्रचार होता है। ऐसे लोगों को सद्गुणी और प्रशंसक कहा जाता है।

देखने में फूल खूब सुंदर हो, पर उसमें खुशबू न हो तो उसका होना, न होना बराबर है। उसी तरह जो आदमी बोलता तो बहुत मीठा है, पर जैसा बोलता है वैसा करता नहीं, उसकी मीठी वाणी व्यर्थ है।

जब सोचना है तो सकारात्मक ही सोचें।जीत की बात सोचने से भले ही आप न जीत सकें;परन्तु उतने समय के लिए हार की दुर्बलता से तो दूर रहेंगे~~~

'समय बेशकीमती है। समय जीवन है। इसे न खरीदा जा सकता है, न उधार लिया जा सकता है। समय की बर्बादी जीवन की बर्बादी है। बीता हुआ कल सुधारा नहीं जा सकता। आने वाला कल शायद कभी न आए।आज ही हमारा है, इसका हम श्रेष्ठतम उपयोग करें। जो अतीत से नहीं सीखता, वह भविष्य द्वारा दंडित किया जाता है।'

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