मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

प्रेम की भाषा

* मुस्कान प्रेम की भाषा है।
* सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है।
* अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता।
* प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है।
* प्रसन्न करने का उपाय है, स्वयं प्रसन्न रहना।
* अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नही होता।
* एक गुण समस्त दोषो को ढक लेता है।
* दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है

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